हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, यह हदीस "मअदन अल-जवाहिर वा रियाज़त अल-ख्वातिर" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال الامام الباقر عليه السلام:
كُلُ عَيْنٍ باكِيَةٌ يَوْمَ القِيامَةِ اِلاّ ثَلاثَ عُيُونٍ: عَيْنٌ سَهَـرَتْ فِى سَبـيلِ اللّه ِوَ عَيْنٌ فاضَت مِنْ خَشْيَةِ اللّه ِ وَ عَيْنٌ غَضَّتْ عَنْ مَحارِمِ اللّه ِ
इमाम मुहम्मद बाक़िर (अ) ने फ़रमाया:
क़यामत के दिन, सभी आँखें रो रही होंगी, लेकिन ये तीन आँखें:
1. ईश्वर की राह में जो आँख जागी है
2. वह आँख जो ईश्वर के भय से रो रही है
3. वह आँख जो परमेश्वर द्वारा हराम चीज़ों पर बंद कर दी गई है।
मअदन अल-जवाहिर वा रियाज़त अल-ख्वातिर, पेज 34
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